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Type: Article
Created By: Bk Ganapati
Title: What is Soul (Hindi)
Unique Id: 171227131534 Create Time: 2017-12-28 00:15:34 Update Time: 28-12-2017 00:16:54 Category: Religion, Ethics , Spirituality & New Age Subcategory: Soul Science Summary: What is Soul, Atma,
Table of Content of This Article
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1 Image Atma Kya hai ?
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Details ( Page:- Atma Kya hai ? )
Soul  or, आत्मा है क्या?  .

आत्मा यानी हम एक जादुई स्लेट की तरह हैं।
जिस पर मन सारा जीवन,हर जन्म लगातार कुछ ना कुछ लिखता रहता है इसलिए बुद्धि को भी हर समय व्यस्त रहना पड़ता है।
अगर पिन-पॉइंट करें कि आत्मा यानी हम वास्ततततव में हैं क्यातो बात को और गहराई से समझा जा सकता है।
आत्मा एक ऊर्जा है,एक तरंग, एक बेहद छोटी सी रोशनी का बिंदु हैं हमजो दोनों आंखों के मध्य भाग में रहती है।
जैसे आपने आसमान में कड़कती बिजली देखी होगी,कुछ वैसा ही बेहद छोटा रूप हम सब का है।
गर्भ में शरीर बनने के कुछ हफ्तों बाद आत्मा यानी ये छोटी सी रोशनी उसमें प्रवेश करती है और मनुष्य आत्मा का जन्म होता है।
आत्मा का सेंटर पॉइंट बुद्धि है। तो कह सकते हैं कि वास्तव में हम बुद्धि हैं, बुद्धिमता हमारा गुण है, बुद्धिमान हमारी संज्ञा है।
अब वो चोर,ठग हो या आध्यात्मिक व्यक्ति। हैं दोनों की संज्ञा बुद्धिमान ही।
ठगी के लिए भी बुद्धिमान होना आवश्यक है, नहीं तो कोई ग़लत करके सफल क्यों होता?
वास्तविक शब्द है सुफलता।
सु फल अर्थात अच्छा फल।
चोर सफल होता है तो ज्ञानी सुफल होता है।
बुद्धि का बायां हिस्सा मन है,जो संकल्पों की तरंग उठाता है, दायां हिस्सा है ,स्टोर रूम या मेमरी कार्ड जहां पकी हुई आदतें संस्कार के रूप में जमा होती हैं।
मध्य भाग है बुद्धि यानी आत्मा यानी हम।
अब बात जीवन के उद्देश्य की।
जीवन का उद्देश्य यही है कि मन की तरंग से उठे विचार कभी-ना-कभी बुराई या पाप से प्रभावित होते हैं।
आत्मा का मुख्य आधार चुंकि पवित्रता है इसलिए पाप के फल के रूप में आत्मा दुखी होती है।
पवित्रता सुख और शांति की जननी है इसलिए अंत के इस जन्म में आत्मा यानी बुद्धि को पवित्र बनाना ही जीवन का ध्येय बन जाता है जितनी पवित्र बुद्धि उतना सुख।
अगर जीवन में दुख है?
सुख के महल बार-बार ढह जाते हैं तो नींव की चेक करें।
पवित्रता की नींव पक्की है तो सुख के महल में आप आज भी आनंद से रहेंगे 

  ?? ओम शांति  ??           ( From Whatsapp ) 


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